साइंस इतनी तेजी से तरक्की कर रहा है कि लगता है वह आने वाले दिनों में कहीं पूरा का पूरा इंसान ही बनाने में सक्षम न हो जाए। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो ने इस प्रकार की त्वचा का विकास किया है जो दर्द को महसूस कर सकती है। इस आविष्कार में मौजूद वैज्ञानिकों के संगठन में भारतीय मूल के भी एक वैज्ञानिक शामिल है। यह इलेक्ट्रॉनिक स्किन छूने पर डाटा स्टोर कर उस डाटा को कंप्यूटर में भेजेगी। इस प्रकार वह दर्द का अनुभव कर सकेगी।
आने वाले दिनों में रोबोट भी कर सकेंगे दर्द को महसूस
