श्रीलंका के हालात को देखकर विश्व समुदाय अभी तक तय नहीं कर पाया कि इससे कैसे निपटा जाए।तब तक भारत का एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान की स्थिति भयावह होती दिख रही।जिस तरह पाकिस्तान में राशन की दुकानों पर लंबी लाइन लगी दिख रही, पेट्रोलियम की कीमतें आसमान छू रही,खाने की किल्लत, ये सब ऐसे हालात के तरफ इशारा कर रहे, जिससे भारत भी अछूता नहीं रह सकता। एक अखबार डेक्कन हेराल्ड ने यह दावा किया है कि पाकिस्तान अपने मुद्रा संकट से उबरने के लिए IMF से कर्ज लेने की बात कर रहा,हालांकि IMF ने कुछ शर्त रखी है,जो पाकिस्तान को मानने होंगे।इन सब हालात को अगर भारत नजरअंदाज करता है,तो एक पड़ोसी होने के नाते इसे खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जो धीरे-धीरे ट्रेंड विपक्ष के द्वारा चलाने की कोशिश शुरू हो चुकी है। ये दिन दूर नहीं जब भारत में बेरोजगारी के बाद भुखमरी का नारा नहीं चले। जिस तरह अभी तक का राजनीतिक परिदृश्य भारत में रहा है, इस बात से आंख बंद नहीं किया जा सकता।जहां भारत अफवाहों पर ही जल उठता है।
धीरे-धीरे अशांत होते एशियाई देश।
