जब आस्था अटूट हो और समर्पण अपने चरम पर हो तो किया गया कोई भी काम निष्फल नहीं होता। इसका जीता जागता उदाहरण गोपालगंज जिले के बनिया छापर गांव में देखने के लिए मिला, जहां भगवान शिव के मंदिर का जीर्णोद्धार गांव के लोगों द्वारा तय किया गया और कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हुआ। गांव के लोगों के द्वारा मुफ्त श्रम दान और सहयोग राशि के बल पर मंदिर निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में पहुच गया है।
समर्पण धीरे-धीरे बनता सार्थक।
